आमतौर पर मसूड़ों की बीमारी से दांतों में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा है. इसमें सांसों की दुर्गंध, ब्लीडिंग और दांत का टूटना शामिल है, लेकिन शोधकर्ताओं ने हाल ही में किए नए अध्ययन में पता लगाया है कि मसूड़ों की बीमारी (पीरियोडोंटाइटिस) से दिल की अनियमित (अनियमित तरीके से दिल का धड़कना) का खतरा बढ़ जाता है. यह है दिल की बीमारी है. आपको बता दें कि दिल की बीमारी विश्व स्तर पर मृत्यु का प्रमुख कारण है, जिससे हर साल अनुमानित 17.9 मिलियन (1.79 करोड़) लोगों की जान चली जाती है.
मसूड़ों की बीमारी (पीरियडोंटल बीमारी) एक बहुत ही सामान्य स्थिति है जहां मसूड़े सूज जाते हैं, दर्द होता है या संक्रमित हो जाते हैं। मसूड़ों की बीमारी प्लाक (बैक्टीरिया की एक चिपचिपी फिल्म जो दांतों और मसूड़ों पर बनती है) के कारण होती है। प्लाक एसिड और टॉक्सिन बनाता है। यदि आप ब्रश करके अपने दांतों से प्लाक नहीं हटाते हैं, तो यह आपके मसूड़ों में जमा हो जाएगा और उनमें जलन पैदा करेगा, जिससे लालिमा, सूजन और दर्द होगा।
ब्रिटेन में मसूड़ों की बीमारी लगभग आधे वयस्कों को प्रभावित करती है, और अधिकांश लोग कम से कम एक बार इसका अनुभव करते हैं। इससे आपके दांतों को ब्रश करते समय आपके मसूड़ों से खून आ सकता है और आपकी सांसों से दुर्गंध । मसूड़ों की बीमारी के इस चरण को मसूड़े की सूजन के रूप में जाना जाता है।
यदि उपचार न किया जाए तो मसूड़े की सूजन पेरियोडोंटाइटिस में विकसित हो सकती है। यह स्थिति उन ऊतकों को प्रभावित करती है जो दांतों को अपनी जगह पर पकड़कर सहारा देते हैं। यदि पेरियोडोंटाइटिस का इलाज नहीं किया जाता है, तो आपके जबड़े की हड्डी टूट सकती है और मसूड़ों और दांतों के बीच छोटी जगह बन सकती है। आपके दांत ढीले हो सकते हैं और अंततः गिर सकते हैं।
अध्ययन हिरोशिमा विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने किया है. शोधकर्ताओं पीरियंडोंटाइटिस और फ्राइब्रोसिस बीच महत्वपूर्ण संबंध पाया है. फाइब्रोसिस दिल के बाएं आलिंद के उपांग में मौजूद निशान होता है, जो दिल की अनियमित धड़कन का कारण बनता है। इसे एट्रियल फाइब्रिलेशन कहते हैं. 76 रोगियों के लिए गए नमूने में दिल की बीमारी से जुड़े संकेत पाए गए. दिल की अनियमित की समस्याएं तब होती हैं जब धड़कनों को समन्वित करने वाले विद्युत संकेत काम नहीं करते हैं.
मसूड़ों की सेहत का कैसे रखें ध्यान?
सही तरीके से ब्रशिंग: दिन में कम से कम दो बार और भोजन के बाद ब्रश करें. मुहं की सभी जगहों को समान रूप से सफाई देने के लिए सही तरीके से ब्रश करें.
फ्लॉसिंग का उपयोग: ब्रशिंग के बाद फ्लॉसिंग का उपयोग करें ताकि दांतों के बीच की जगहों में बैक्टीरिया और अवशेष खत्म हो सकें.
सही खानपान: सुखी फल, सब्जियां, पूरे अनाज, प्रोटीन, डेयरी प्रोडक्ट्स और पर्याप्त पानी शामिल करें. विशेष रूप से विटामिन C, कैल्शियम और फाइबर की अधिक मात्रा वाले आहार का सेवन करें.
तंबाकू और शराब से बचें: तंबाकू और अधिक मात्रा में शराब का सेवन बंद करें, क्योंकि ये मसूड़ों की सेहत को बिगाड़ सकते हैं.
हेल्दी लाइफस्टाइल: हेल्दी और पॉजिटिव लाइफस्टाइल अपनाएं, जिसमें नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद और स्ट्रेस के साथ संबंधित स्वास्थ्य सुझाव शामिल हो.
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