Cervical Pain: डेस्क जॉब वालों को बहुत सताता है ये दर्द, ये हैं बचाव के उपाय

आज कल कुछ बीमारियां ऐसी हैं जो बड़ों के साथ साथ युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रही हैं. इन्हीं में से एक है स्पॉन्डिलाइटिस. पहले ये परेशानी सिर्फ बड़ों को अपना शिकार बनाती था, लेकिन अब ये युवाओं को भी चपेट में ले रही है. डॉ. अखिलेश यादव, एसोसिएट डायरेक्टर, ऑर्थोपेडिक्स एवं ज्वाइंट रिप्लेसमेंट, मैक्स हॉस्पिटल वैशाली ने बताया कि कई युवा और 40 साल से अधिक उम्र के लोग स्पॉन्डिलाइटिस का सामना कर रहे हैं, जो उनकी रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करती है. यह समस्या अक्सर उन लोगों में देखी जाती है

जो लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठे रहते हैं या उन्हें कोई चोट लगी हो. कम अस्थि घनत्व वाली वृद्ध महिलाओं और पुरुषों को भी स्पॉन्डिलाइटिस का अनुभव हो सकता है. इससे गर्दन, पीठ के निचले हिस्से और कमर में बहुत दर्द होता है, जिससे हिलना-डुलना और आराम से बैठना मुश्किल हो जाता है.


स्पॉन्डिलाइटिस एक प्रकार का गठिया है, जिसकेचलते रीढ़, गर्दन और कमर में दर्द की शिकायत हो सकती है. इस समस्या में व्यक्ति को दर्द और स्टिफनेस की शिकायत हो सकती है. इस समस्या में व्यक्ति की गर्दन, कमर और पीठ में दर्द होता है, जिससे उठना-बैठना भी मुश्किल हो जाता है.


यह युवाओं में आम होता जा रहा है. स्पॉन्डिलाइटिस विभिन्न प्रकार के होते हैं, लेकिन उन सभी में हिलना-डुलना कठिन हो जाता है और यह केवल बड़े वयस्कों को ही नहीं, बल्कि किसी को भी हो सकता है. स्पॉन्डिलाइटिस एक ऐसी स्थिति है जो किसी व्यक्ति की पीठ को झुका सकती है या उन्हें झुकने पर मजबूर कर सकती है. यह उन्हें बहुत कमज़ोर भी बना देता है, जिससे उनके लिए नियमित रूप से वे काम करना कठिन हो जाता है जो वे आमतौर पर हर दिन करते हैं.

सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस या सर्वाइकल पेन, सर्वाइकल स्पाइन (गर्दन) में उम्र से संबंधित टूट-फूट के लिए एक सामान्य शब्द है, जिससे गर्दन में दर्द, गर्दन में अकड़न और अन्य लक्षण हो सकते हैं. कभी-कभी इस स्थिति को गठिया या गर्दन के पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस कहा जाता है. हमने यहां बताया कि यह उम्र से संबंधित है. क्योंकि इसका वास्तविक स्वरूप यही है कि कुछ दशक पहले तक यह बड़ी उम्र के लोगों में हुआ करता था.

लेकिन लाइफ में बढ़ी निष्क्रियता और एक जगह बैठकर घंटों काम करने के तरीकों के चलते यह दर्द युवाओं के जी का जंजाल बन चुका है. कंप्यूटर, लैपटॉप पर घंटों व्यस्त रहने वाले 18 से 25 साल की उम्र के युवाओं में भी यह दर्द बहुत तेजी से बढ़ रहा है.


स्पॉन्डिलाइटिस के लक्षण-


-पीठ और गर्दन में दर्द

-मांसपेशियों में दर्द

-आंखों की सूजन आना

-सुनने में कमी

-दिन का दर्द रात में बढ़ जाना

-सीने में दर्द या सीने में स्टिफनेस

-एक या दोनों पैरों में गरमी का अनुभव

-गर्दन और ऊपरी शरीर के हचचल में दिक्कत

–सीने में तनाव

-दिल की धड़कन तेज होना

-अकड़े हुई गर्दन

-सुबह उठने के समय या लंबे समय तक बैठे रहना

-थकान

1. सुनिश्चित करें कि एक ही स्थान पर बहुत देर तक न बैठें और बीच-बीच में खड़े होने और चलने की कोशिश करें. यह स्पॉन्डिलाइटिस को रोकने में मदद करेगा और आपकी पीठ को बेहतर महसूस कराएगा.

2. यदि आप अक्सर व्यायाम और योग करते हैं, तो यह स्पॉन्डिलाइटिस को बेहतर महसूस कराने में मदद कर सकता है.

3. स्पॉन्डिलाइटिस, जो पीठ दर्द का कारण बन सकता है, को रोकने के लिए स्वस्थ वजन पर रहना महत्वपूर्ण है. यदि आपको स्पॉन्डिलाइटिस है, तो फिजियोथेरेपिस्ट द्वारा सुझाए गए व्यायाम आपको बेहतर महसूस करने में मदद कर सकते हैं.

4. स्वस्थ आहार खाएं, जिसमें प्रोटीन, कैल्शियम, और विटामिन D जैसे पोषक तत्व हों. रोजाना थोड़ा समय धूप में भी बिताएं, ताकि आपको धूप से विटामिन D मिल सके.

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